Detail study of Bullish ,Bearish & Trend Continuation Candlestick patterns 2023
- Candlesticks are best a way of communicating information about how price is moving up or Down
- Candles refer to that information for a specific unit of time .
- कैंडलस्टिक का जन्म जापान में हुआ , 16 वीं शताब्दी में चावल के व्यापार के लिए इसका उपयोग किया गया था ,
- कैंडलस्टिक चार्ट से हमे कीमत के बारे में सटीक जानकारी मिलती है |
- शार्ट टर्म ट्रेडिंग करनेवालों को तुरंत निर्णय लेने के लिए कैंडलस्टिक चार्ट और चार्ट से एनालिसिस बहोत जरुरी साबित होता है |
- कैंडलस्टिक पैटर्न आपको कैंडलस्टिक चार्ट पर दिखेंगे ,
- कैंडलस्टिक पैटर्न एक से लेकर पांच कैंडलस्टिक से बनते है ,
- ये हमे मार्किट या स्टॉक के ट्रेंड में होने वाले बदलाव को दर्शाते है|
कैंडलस्टिक के टाइप्स
Candlestick Pattern main Types – कैंडलस्टिक पैटर्न के प्रकार
Bullish Reversal Candlestick Pattern – बुलीश ट्रेंड रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न
High reliability Bullish Reversal Pattern
Medium reliability Bullish Reversal Pattern
Bearish Reversal Pattern – बेयरिश ट्रेंड रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न
High reliability Bearish Reversal Pattern
Medium reliability Bearish Reversal Pattern
Trend continuation Pattern – ट्रेंड कंटीनुअशन कैंडलस्टिक पैटर्न
Bullish Reversal Candlestick Pattern
बुलीश ट्रेंड रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न
High Reliability Bullish Reversal Pattern – उच्च विश्सनीयता बुलिश रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न
Bullish piercing line candlestick pattern – बुलिश पियरसिंग लाइन
- यह रचना बनने से पहले मार्केट या स्टॉक डाउन ट्रेन्ड में होना आवश्यकता है – Stock or Indext Should be in Down Trend
- यह कैंडलस्टिक पैटर्न दो कैंडल से बनता है – This Candlestick Pattern Form by two Candle
- डाउन ट्रेंड में एक बड़ी बेयरिश कैंडल के बाद एक बुलिश कैंडल जिसकी गैप डाउन ओपनिंग होती है और क्लोज़िंग लगभग पहले बेयरिश कैंडल के आधे तक होती है लेकिन पिछले कैंडल के ऊपर क्लोजिंग नहीं होती है | – In Bearish trend Last trend Changing Candle open gap Down and Close above 50 % of Previous Bearish Candle .
- शार्ट सेल के पोजीशन जब कव्हर होने के वजह से भी यह पैटर्न बनता है – Short sell Position Covering
- कन्फर्मेशन कैंडल बनने के बाद ट्रेड लेना चाहिए और आपका स्टॉपलॉस कन्फर्मेशन कैंडल का लो (low ) का होगा |
Bullish Morning Star candlestick pattern – बुलिश मॉर्निंग स्टार
-
यह रचना बनने से पहले मार्केट या स्टॉक डाउन ट्रेन्ड में होना आवश्यकता है
-
Trade Entry कन्फर्मेशन कैंडल की हाई प्राइज और स्टॉपलॉस आखरी कैंडल का लौ प्राइज होती है
- ये कैंडलस्टिक पैटर्न तीन कैंडल को मिलके बनता है , पहली कैंडल बड़ी बेयरिश कैंडल होती है , उसकी अगली छोटी बुलिश कैंडल निचे थोड़े गैप से बनती है ,आखरी यानि तीसरी कैंडल थोड़ी बड़ी बुलिश कैंडल बनती है जिसकी बॉडी पहले कैंडल के लगभग बिच तक अति है
- पैटर्न बनने के बाद तुरंत ट्रेड ना ले , कन्फर्मेशन कैंडल को बनने दे , अगर कन्फर्मेशन कैंडल बेयरिश कैंडल का हाई को ब्रेक करती है , तभी एंट्री ले और आपका स्टॉपलॉस कन्फर्मेशन कैंडल का लो (low ) का होगा
Bullish abandoned baby candlestick pattern – बुलिश अबेण्डेण्ड बेबी
- यह रचना बनने से पहले मार्केट या स्टॉक डाउन ट्रेन्ड में होना आवश्यकता है |
- पैटर्न की पहली कैंडल डाउन ट्रेंड दिखाती है , दूसरी कैंडल गैप डाउन खुलती है और दोजी टाइप की कैंडल बनती है , और आखरी कैंडल गैप उप के साथ खुलती है और बुलिश कैंडल बनती है
- पैटर्न की आखरी कैंडल कन्फर्मेशन कैंडल होती है , Trade Entry कन्फर्मेशन कैंडल की हाई प्राइज और स्टॉपलॉस Confirmation Candle की लौ प्राइज होती है |
- पहले मार्किट डाउन ट्रेंड में होने के वजह से , जिसने भी शार्ट सेल की पोजीशन ली होगी वह अब अपने प्रॉफिट बुक रहे है यानि शार्ट कवरिंग होने की सम्भावना होती है , और ऐसा होता है तब मार्केट ट्रेंड चेंज करता है
- पैटर्न का कन्फर्मेशन आने के बाद ही ट्रेड की एंट्री करे |
Bullish Engulfing Candlestick Pattern – बुलिश इंगलफ़िंग पॅटर्न
-
यह रचना बनने से पहले मार्केट या स्टॉक डाउन ट्रेन्ड में होना आवश्यकता है
-
बाय आखरी कैंडल की हाई प्राइज और स्टॉपलॉस आखरी कैंडल का लौ प्राइज होती है
-
पहली कैंडल छोटी बेयरिश कैंडल होती है,और अगली कैंडल निचे ओपन होक बुलिश कैंडल बनती है आखरी कैंडल पहले वाले कैंडल को पूरी तरह से देख लेती है ,खरेदी करने वाले ज्यादा एग्रेसिव है यही जानकारी हमे इस पॅटर्न से मिलती है
Bullish three inside up Candlestick Pattern – बुलिश थ्री इनसाइड अप
- यह पैटर्न बनने से पहले मार्केट या स्टॉक डाउन ट्रेन्ड में होना आवश्यकता है
- बाय आखरी कैंडल की हाई प्राइज और स्टॉपलॉस आखरी कैंडल का लौ प्राइज होती है
- पहली कैंडल बड़ी बेयरिश कैंडल होती है , उसकी अगली छोटी बुलिश कैंडल होती है, और तीसरी बिच वाली कैंडल से बुलिश और बड़ी होती है यह डाउन ट्रेन्ड सामाप्त होने का संकेत देती है
Bullish three white soldiers chart Patterns – बुलिश थ्री व्हाइट सोल्जर्स
- यह पैटर्न बनने से पहले मार्केट या स्टॉक डाउन ट्रेन्ड में होना आवश्यकता है |
- इस टाइप के कैंडलस्टिक पैटर्न में डाउन ट्रेंड ख़तम होने पर तीन बुलिश कैंडल बनते है , दूसरे और तीसरे कैंडल का ओपन पहले कैंडल की बॉडी के पास होता है , लेकिन क्लोजिंग पहले कैंडल के हाई के ऊपर होता है , अग्रेसिव बाइंग आने के वजह से यह पैटर्न बनता है |
- तीन लंबे बुलिश कैंडल से मिलकर बनता है जिसमें लगातार कैंडल क्लोजिंग पिछले कैंडल के क्लोजिंग के ऊपर होते हैं
Medium reliability Bullish Reversal Pattern-मध्यम विश्सनीयता बुलिश रिवर्सल पैटर्न
Bullish Dragonfly Doji – बुलिश ड्रैगनफ्लाई डोजी
- यह रचना बनने से पहले डाउन ट्रेन्ड में होना चाहिये
- ये रचना एक कैंडल्स से बनती है, दोजी कैंडल की ओपन प्राइस और क्लोजिंग प्राइस एक जैसी होती है
- डाउन ट्रेंड की तीव्रता कम होती नज़र अति है |
- पैटर्न बनने के बाद तुरंत ट्रेड ना ले , कन्फर्मेशन कैंडल को बनने दे , अगर कन्फर्मेशन कैंडल दोजी कैंडल का हाई को ब्रेक करती है , तभी एंट्री ले और आपका स्टॉपलॉस दोजी कैंडल का लो (low ) का होगा
Bullish Long Leg Doji – बुलिश लॉन्ग लेग डोजी
- यह रचना बनने से पहले डाउन ट्रेन्ड में होना चाहिये
- ये रचना एक कैंडल्स से बनती है
- यहाँ पे खरीदने वाले और बेचने वालो के बीचमे सम्भ्रम नज़र अत है |
Bullish Gravestone Doji – बुलिश ग्रेवस्टोन डोजी
- यह रचना बनने से पहले डाउन ट्रेन्ड में होना चाहिये
- ये रचना एक कैंडल्स से बनती है
- पैटर्न बनने के बाद तुरंत ट्रेड ना ले , कन्फर्मेशन कैंडल को बनने दे , अगर कन्फर्मेशन कैंडल दोजी कैंडल का हाई को ब्रेक करती है , तभी एंट्री ले और आपका स्टॉपलॉस दोजी कैंडल का लो (low ) का होगा
Bullish Engulfing Candlestick Pattern – बुलिश इंगलफ़िंग पॅटर्न
- बाय आखरी कैंडल की हाई प्राइज और स्टॉपलॉस आखरी कैंडल का लो प्राइज होती है
- पहली कैंडल छोटी बेयरिश कैंडल होती है,और अगली कैंडल निचे ओपन होक बुलीश कैंडल बनती है पहले वाले कैंडल को पूरी तरह से ढक लेती है ,खरीदने वाले ज्यादा एग्रेसिव है यही जानकारी हमे इस पॅटर्न से मिलती है
Bullish Harami Cross – बुलिश हरामी
- यह रचना बनने से पहले डाउन ट्रेन्ड में होना चाहिये पहली कैंडल बड़ी बेयरिश कैंडल होती है
- दूसरी कैंडल छोटी मगर बुलिश होती है ,इसका ओपन प्राइस पहले कैंडल के क्लोजिंग प्राइस के ऊपर होता है
- ये रचना कम्प्लीट होने के बाद बनने वाली कैंडल अगर बुलिश कैंडल का हाई से ऊपर जाती है तो बाय करने का या ट्रेड लेनेका सिग्नल मिलता है

- यह रचना बनने से पहले डाउन ट्रेन्ड में होना चाहिये
- यह पैटर्न में दोनों कैंडल का क्लोजिंग प्राइस एक जैसी होती है
- यह रचना दोनो कैंडल बेयरिश होती है लेकिन दूसरी कैंडल आकर में छोटी होती है ,इससे ये समझा जा सकता है की बेचने वालो की तीव्रता काम हुई है
Bulish Break away -बुलिश ब्रेक अवे
- यह रचना बनने से पहले डाउन ट्रेन्ड में होना चाहिये
- ये रचना पाँच या अधिक कैंडल्स से बन सकती है ,यानि ये मल्टी कैंडल पैटर्न है
- आखरी कैंडल बड़ी और बुलिश होती है और ये कैंडल नया हाई बनाती है
Bullish Hammer Pattern – बुलीश हैमर पैटर्न
- यह रचना बनने से पहले डाउन ट्रेन्ड में होना चाहिये
- कैंडल की बॉडी छोटी होती है और उससे दो गुना उसकी टेल यानि पूछ होनी चाहिए ,इस रचना में हतोड़े जैसी कैंडल बनती है यह शार्ट कवरिंग होने का संकेत हो सकता है
- ट्रेड लेने से पहले पैटर्न का कन्फर्मेशन होना जरुरी है |
Top 10 chart Patterns for trading | Low risk trading India 2023
Bearish Reversal Pattern – बेयरिश रिवर्सल पैटर्न
High reliability Bearish Reversal Pattern- उच्च विश्सनीयता बेयरिश रिवर्सल पैटर्न
बेयरिश डार्क क्लाउड कवर – Bearish Dark Cloud Cover
- यह पैटर्न दो कैंडल से मिलकर बनता है , जब भी मार्केट या स्टॉक में बहुत समय से उप ट्रेंड शुरू होता है , और जब ट्रेंड में बदलाव आने के समय ऐसा पैटर्न बन सकता है ,
- इस पैटर्न में पहली कैंडल बुलिश होती है , और दूसरी कैंडल पहले कैंडल के ऊपर जाकर जाती है , लेकिन बिकवाली आने के वजह से बेयरिश कैंडल बनती है
दूसरी कैंडल का क्लोज पहले कैंडल के आधे से निचे होना जरुरी है |
- इस पैटर्न को बुलिश पियर्सिंग लाइन पैटर्न के विरुद्ध पैटर्न माना जाता है
Bearish Abandoned Baby Candlestick Pattern – बेयरिश अबेण्डेण्ड बेबी
Bearish Evening Start – बेयरिश इवनिंग स्टार
- यह पैटर्न बनने से पहले मार्केट में अप ट्रेंड चल रहा होता है
- यह पैटर्न तीन कैंडल की मदत से बनता है , पहली कैंडल बुलिश होती है , दूसरी कैंडल बुलिश या फिर बेयरिश हो सकती है उससे पैटर्न पर कोई फरक नहीं पड़ता है और आखरी कैंडल बेयरिश होती है , जो बेयरिश ट्रेंड के शुरू होने की संभावना बताती है
- ऐसा पैटर्न बहुत कम बनता है लेकिन जब भी बनता है तब बढ़िया मुनाफ़ा देता है |
Bearish Three In Side Down – बेयरिश थ्री इनसाइड डाउन
- यह पैटर्न बनने से पहले मार्केट में अप ट्रेंड चल रहा होता है
- यह पैटर्न तीन कैंडल की मदत से बनता है , पहली कैंडल बुलिश होती है , और बाकि दो कैंडल बेयरिश बनते है , जो बेयरिश ट्रेंड के शुरू होने की संभावना बताती है
Bearish Evening Doji Start – बेयरिश इवनिंग डोजी स्टार
- बेयरिश इवनिंग दोजी स्टार यह पैटर्न बेयरिश इवनिंग स्टार के जैसा ही होता है , बस यहाँ दूसरी कैंडल दोजी टाइप की होती है |
Bearish Three Outside Down – बेयरिश थ्री इनसाइड डाउन
- यह पैटर्न बनने से पहले मार्केट में अप ट्रेंड चल रहा होता है
- यह पैटर्न तीन कैंडल की मदत से बनता है , पहली कैंडल बुलिश लेकिन छोटी होती है , दूसरी कैंडल बड़ी बेयरिश कैंडल होती है , जो मार्केट में हलचल होने के संकेत देती है , और तीसरी कैंडल पैटर्न को कन्फर्म करती है की ट्रेंड में बदलाव हो चूका है
बेयरिश अपसाइड गैप टू क्रो – Bearish Upside Gap two Crow
- यह पैटर्न बनने से पहले मार्केट में अप ट्रेंड चल रहा होता है
- यह पैटर्न दो कैंडल की मदत से बनता है , पहली कैंडल बेयरिश लेकिन छोटी होती है , दूसरी कैंडल बड़ी बेयरिश कैंडल होती है , जो मार्केट में हलचल होने के संकेत देती है , और पैटर्न को कन्फर्म करती है की ट्रेंड में बदलाव हो आ चूका है
Banknifty Confirm Targets for Future and Option Day Trading without Indicator Strategy
Medium reliability Bearish Reversal Pattern – बेयरिश रिवर्सल पैटर्न
Bearish Long Leg Doji- बेयरिश लॉन्ग लेग डोजी
- यह रचना बनने से पहले स्टॉक ऊपर का दिशा में होना चाहिये
- यहाँ पे खरीदने वाले और बेचने वालो के बीचमे सम्भ्रम नज़रआता है यानि ट्रेंड में बदलाव आने की सम्भावना है
- ये रचना एक कैंडल्स से बनती है, ट्रेड लेने से पहले पैटर्न का कन्फर्मेशन होना जरुरी है |
Bearish Dragonfly Doji – बेयरिश ड्रैगनफ्लाई डोजी
- यह रचना बनने से पहले स्टॉक ऊपर का दिशा में होना चाहिये
- अप ट्रेंड की तीव्रता कम होती नज़र अति है
- ये रचना एक कैंडल्स से बनती है, ट्रेड लेने से पहले पैटर्न का कन्फर्मेशन होना जरुरी है
Bearish Gravestone Doji -बेयरिश ग्रेवस्टोन डोजी
- यह रचना बनने से पहले स्टॉक ऊपर का दिशा में होना चाहिये
- पहले से चलने वाला बुलिश ट्रेंड को ब्रेक लगता है , यहाँ पे खरीदने वाले और बेचने वालो के बीचमे सम्भ्रम नज़र अत है , दोजी कैंडल का low के नीचे क्लोजिंग मिलने के बाद ट्रेड लेना चाहिए
- ट्रेड लेने से पहले पैटर्न का कन्फर्मेशन होना जरुरी है
Bearish Engulfing-बेयरिश इंगलफ़िंग पॅटर्न
- यह रचना बनने से पहले स्टॉक ऊपर का दिशा में होना चाहिये
- बाय आखरी कैंडल की लौ प्राइज और स्टॉपलॉस आखरी कैंडल का हाई प्राइज होती है
- पहली कैंडल छोटी बुलिश कैंडल होती है,और अगली कैंडल ऊपर ओपन होक बेयरिश कैंडल बनती है पहले वाले कैंडल को पूरी तरह से ढक लेती है ,बेचने वाले ज्यादा एग्रेसिव है यही जानकारी हमे इस पॅटर्न से मिलती है
Why Future & Option Trading is Famous | ऑप्शन ट्रेडिंग क्यू फेमस है ?
Trend continuation Pattern –ट्रेंड कंटीनुअशन पैटर्न
Bearish Trend continuation Pattern -बेयरिश ट्रेंड कंटीनुअशन पैटर्न
Bearish Falling Three Methods -बेयरिश फॉलिंग थ्री मेथड्स
- यह रचना ट्रेंड ने थोड़े समय के लिए विश्रांति ली है ऐसा दर्शाती है ,दो बेयरिश कैंडल के बीचमे स्टॉक या मार्केट Consolidation state होता है , और उसका पहले वाला ट्रेंड यानि बेयरिश ट्रेंड वापस शुरू होता है |
- आखरी कैंडल अगर पहले बेयरिश कैंडल के निचे बंद होती है तो ये ट्रेड सुरु होने की सम्भावना दर्शाता है |
Bearish Down side Tasuki gap -बेयरिश डाउन साइड तासुकी गैप
- ये रचना बनते समय पहले से निचे का ट्रेंड सुरु होता है
- ये रचना बनते समय पहले से निचे का ट्रेंड सुरु होता है, ये रचना तीन कैंडल से बनती है , दूसरी कैंडल गैप डाउन से खुलके निचे ही बंद होती है, आखरी कैंडल बुलिश होती है लेकिन वो बने हुवे गैप को भरने में असमर्थ होती है इसलिए ये मार्किट अपना निचे का ट्रेंड कंटिन्यू रख सकता है
- व्यवहार या ट्रेड करने से पहले रचना का कन्फर्मेशन लेना जरुरी है |
Best Candlestick Time Frame for Trading
- विशिष्ट अवधि जिसमें कुछ हो रहा है उसे टाइम फ्रेम कहते है |
- कोई स्टॉक या इंडेक्स एक प्राइस से ऊपर या फिर निचे जाता है इसका मतलब प्राइस में उतार या चढ़ाव हो रहा है इसको टाइम के साथ हम जोड़ते है तो उस अवधि का टाइम फ्रेम बनता है,
- अगर हम ५ मीनट का टाइम फ्रेम देखते है तो हमे ५ मिनट में स्टॉक के भाव में कितना उतार या चढ़ाव आया ये समाज में आएगा तो उतने समय में स्टॉक का प्राइस कहा खुला कितने प्राइस तक उसने उतार या चढ़ाव किया और किस भाव पर रुका , ये प्रोसेस हर ५ मिनट में दोहराया जायेगा इसे ही ५ मिनट का टाइम फ्रेम कहते है|
- स्टॉक मार्किट में १ मिनट से लेकर १ महीने का टाइम फ्रेम देखा जाता है ,ये आपके Trading Style or Trading type पे निर्भर करता है की आपको कोनसा टाइम फ्रेम देखना चाहिए|
- जब हम बाद EOD Study मतलब दिन का अंत अध्ययन करते है तब हमें मल्टीपल यानि अलग अलग टाइम फ्रेम का उपयोग करना जरुरी है और ट्रेड करते समय या लाइव मार्किट में हमे आपके ट्रेडिंग स्टाइल के हिसाब से एक ही टाइम फ्रेम को देखना चाहिए
How to use different time frame on charts
चार्ट पर अलग-अलग टाइम फ्रेम का इस्तेमाल कैसे करें
Nifty same day in Different Time frame of Candlestick Chart
One Day Candlestick – एक दिवसीय कैंडलस्टिक
उसी दिन का एक घंटा कैंडलस्टिक (One Hour Candlestick ) की टाइम फ्रेम
उसी दिन का तीस मिनट कैंडलस्टिक (Thirty Minute Candle ) की टाइम फ्रेम ,इसमें एक कैंडल ३० मिनट की होती है
उसी दिन का पंद्रह मिनट कैंडलस्टिक (Fifteen Minute Candlestick ) की टाइम फ्रेम ,इसमें एक कैंडल 15 मिनट की होती है
उसी दिन का पांच मिनट कैंडलस्टिक (Five Minute Candlestick ) की टाइम फ्रेम ,इसमें एक कैंडल 5 मिनट की होती है
जितनी कम समय की कैंडल होती है उतने जल्दी ट्रेंड चेंज होने की सम्भावना अधिक होती है , और जितनी ज्यादा समय की कैंडल होती है , उतना ट्रेंड चेंज होने में ज्यादा समय लगता है ऊपर दी गयी इमेज में ये आप देख सकते है
4 Best Charts Types of Trading and Investing 2023 | स्टॉक चार्ट के 4 प्रकार
स्टॉक चार्ट के प्रकार
- स्टॉक के मूल्य(Price) बनाम समय(Time) का graphical representation (सचित्र प्रदर्शन) उस स्टॉक का चार्ट कहलाता है|
- चार्ट आपको हिस्टोरिकल प्राइस दिखाता है ,traders के लिए, स्टॉक चार्ट उनकी टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis ) में उपयोग किए जाने वाले डेटा का प्राथमिक स्रोत होते हैं|
- ग्राफिकल चार्ट में, X-axis time period समय को दर्शाता है ,और Y-axis price movement को दर्शाता है|
तकनीकी विश्लेषण में तीन प्रमुख सिद्धांत हैं|
- The stock price already reflects all the relevant information in the market-शेयर की कीमत पहले से ही बाजार में सभी प्रासंगिक सूचनाओं को दर्शाती है |
- Stock prices tend to move in trends-स्टॉक की कीमतें Trends में चलती हैं|
- History tends to repeat itself – इतिहास History खुद को दोहराती है |
Chart and its types For Trading and Investing
Candlestick chart
Bar Chart
Line Chart
Histogram Chart
Top 10 chart Patterns for trading | Low risk trading India 2023
When to Start Investing in Stock Market| शेयर बाजार में इनवेस्ट कब शुरू करे ?