ऑप्शन बायर को हमेशा पोजीशन साइज़िंग करके ट्रेड में एंट्री लेनी चाहिए
ऑप्शन के प्रीमियम एक्सपायरी के दिन सबसे कम होते है
सपोर्ट के पास कॉल और रेजिस्टेंस के पास ही पुट ऑप्शन में एंट्री बना सकते है स्टॉपलॉस छोटा बनेगा और टारगेट बड़े
एक्सपायरी के दिन आप कॉल पुट दोनों में एक साथ एंट्री ले सकते है , स्ट्राइक प्राइस में 50 पॉइंट का ही अंतर चाहिए और कॉल पुट दोनों का प्रीमियम 30 के निचे होना जरुरी है
ऑप्शन बायर को ट्रेड कम मिलते है , लेकिन जब भी मिलते है तब बढ़िया प्रॉफिट बना सकते है , इसलिए एंट्री के लिए मार्केट ट्रेंड में होना बहुत जरुरी है