फ्यूचर और ऑप्शन में उपयोग में आने वाले महत्वपूर्ण परिभाषाएं | Key Terms in F&O
Future and Option Basic Terms for Regular use
Future & Options Trading किस segment में कर सकते है ?
- Stock जो (F&O) में शामिल है
- Nifty50 index
- Niftybank Index
- Fiance nifty Index ( Finnifty)
Important Terms in Future & Option Contract
अब हम Options के बारेमे अधिक जानकारी लेंगे जो आगे चलके आपको ऑप्शन ट्रेडिंग (Options Trading) के लिए काम आएगी |हम Nifty Options को विस्तार से देखेंगे |
- Index option contract इस प्रकार में option contract का आधार (Base) index की Value होती है , जैसे की आज Nifty 50 इंडेक्स आज 16700 है, Nifty option को इसी Value के आधार से option contract की कीमत या प्रिमियम बनता है |
- निफ़्टी इंडेक्स जैसे कम ज्यादा होता है ,उस हिसाब से Options Premium में परिवर्तन (Change) होता है |
- अगर निफ़्टी बढ़ता है तो CALL OPTION बढ़ता है PUT OPTION का भाव कम होता है |
अगर निफ़्टी इंडेक्स कम होता है तो PUT OPTION बढ़ता है और CALL OPTION का भाव कम होता है |
What is Basis ?
बेसिस = फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट की कीमत – स्पॉट मार्केट की कीमत
- स्टॉक की कीमत स्टॉक मार्केट में हो रहे खरेदी और ब्रिक्री पर निर्भर होती है |
- स्टॉक का ट्रेडिंग जिस मार्केट में होता है उसे स्पॉट मार्केट (SPOT MARKET ) कहते है | स्पॉट मार्केट को कॅश मार्केट भी कहते है
- फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट के व्यवहार जिस मार्केट में होते है उसे फ्यूचर मार्केट या डेरीवेटिव मार्केट कहते है |
- फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट में टाइम वैल्यू (TIME VALUE ) होने के कारन फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट की कीमत स्पॉट मार्केट के कीमत से ज्यादा होनी चाहिये लेकिन ऐसा हर बार नहीं होता | ये सब डिमांड और सप्लाई पे निर्भर होता है | यहाँ स्पॉट मार्केट की कीमत और फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट की कीमत में जो अंतर तैयार हो जाता है उसे बेसिस कहते है |
- बेसिस अगर पॉजिटिव होता है तो उसे प्रीमियम कहेंगे और ये बुलिशनेस का संकेत होता है |
- अगर बेसिस नेगेटिव होता है तो उसे डिस्काउंट कहेंगे और ये बेयरिशनेस का संकेत होता है
What is Cost Of Carry – कॉस्ट ऑफ़ कैरी क्या है ?
- फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को एक्सपायरी डेट होती है | इसके कारन उसकी वैल्यू स्पॉट मार्केट के प्राइस से ज्यादा होती है | इसको कॉस्ट ऑफ़ कैरी ( COST OF CARRY ) कहते है |
- स्ट्राइक प्राइस (Strike Price) – स्ट्राइक प्राइस भी index की Value के आधार से बनते है , निफ़्टी ऑप्शन में दो स्ट्राइक प्राइस के बीचमे 50 point का फरक होता |और बैंक निफ़्टी में दो स्ट्राइक प्राइस में 100 points का डिफरन्स होता है |
- लॉट साइज (LOT SIZE)
डेरीवेटिव मार्केट में एक शेयर का व्यवहार नहीं होता है , यहाँ उसी स्टॉक के अनेक शेयर को मिलकर एक कॉन्ट्रैक्ट बनता है और उस कॉन्ट्रैक्ट को मार्केट में ट्रेड किया जाता है | कॉन्ट्रैक्ट में शेयर्स की संख्या एक्सचेंज / SEBI नियम के अनुसार निर्धारित करता है | उसे लॉट साइज कहते है | Nifty one Lot Size – 50 and BankNifty one Lot Size – 25 - टिक साइज (Tik Size ) – टिक साइज = फ्यूचर या ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट खरीदने या बेचने के लिए जो कम से कम प्राइस लगा सकते है उसे टिक साइज कहते है , इंडेक्स ऑप्शन में यह पांच पैसे होती है
- लॉन्ग पोजीशन Long Position – – भविष्य में अगर स्टॉक या इंडेक्स की कीमत बढ़ने वाली है तो उसे पहले से ख़रीदा जा सकता है उसे ही लॉन्ग पोजीशन कहते है
- शार्ट पोजीशन Short Position – भविष्य में अगर स्टॉक या इंडेक्स की कीमत घटने वाली है तो उसे पहले से बेचा जाता है उसे ही शार्ट पोजीशन बनाना कहते है |
OPTION CONTRACT TYPES – ऑप्शन के प्रकार
IN THE MONEY | AT THE MONEY | OUT OF MONEY |ITM ATM OTM IN HINDI
स्टॉक या इंडेक्स की मार्केट प्राइस और ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट की स्ट्राइक प्राइस ( भविष्य में अपेक्षित प्राइस ) के अनुसार ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के तीन प्रकार पड़ते है |
- IN THE MONEY – ITM – इन द मनी
- AT THE MONEY – ATM – एट द मनी
- OUT OF MONEY – OTM – आउट ऑफ़ मनी
How to Identify ITM,ATM,OTM | आईटीएम ,एटीएम ,ओटीएम को विस्तार से समजते है |
स्टॉक या इंडेक्स की कल की क्लोजिंग प्राइस 16700 ( उदाहरण के लिए हम Nifty 50 इंडेक्स की वैल्यू लेते है )
AT THE MONEY – ATM – एट द मनी क्या होता है ?
At the money – ATM इस प्रकार में स्टॉक या इंडेक्स की प्राइस और स्ट्राइक प्राइस दोनों एक ही होते है , जैसे अगर निफ़्टी अभी 16700 पे है तो ,16700 call भी ATM होता है और 16700 का Put भी ATM होता है|
ATM CALL – 16700 CALL
ATM PUT – 16700 PUT
Condition -1
अगर निफ़्टी 16700 से आगे जाके 16755 तक जाता है तो क्या होगा ?
16700 का call जो ATM था वो अभी ITM – इन द मनी हो जायेगा |
16700 का Put – ATM था वो अभी OTM – आउट ऑफ़ मनी हो जायेगा |
Condition -2
अगर निफ़्टी 16700 से निचे की तरफ जाता है 16645 की तरफ जाता है तो क्या होगा ?
16700 का call जो ATM था वो अभी OTM – आउट ऑफ़ मनी हो जायेगा |
16700 का Put – ATM था वो अभी ITM – इन द मनी हो जायेगा |
IN THE MONEY – ITM – इन द मनी क्या होता है ?
इंडेक्स की कल की क्लोजिंग प्राइस अगर 16700 है |
ITM CALL – 16650 CALL
ITM PUT – 16750 PUT
Condition -1
अगर निफ़्टी 16700 से आगे जाके 16755 तक जाता है तो क्या होगा ?
ITM CALL – 16650 CALL वह आईटीएम हे रहेगा |
ITM PUT – 16750 PUT वह एटीएम हो जायेगा |
Condition -2
अगर निफ़्टी 16700 से निचे की तरफ जाता है 16645 की तरफ जाता है तो क्या होगा ?
ITM CALL – 16650 CALL वह एटीएम हो जायेगा |
ITM PUT – 16750 PUT वह आईटीएम हे रहेगा |
OUT OF MONEY – ITM – इन द मनी क्या होता है ?
अगर NIFTY इंडेक्स की कल की क्लोजिंग प्राइस 16700 है |
OTM CALL – 16750 CALL
OTM PUT – 16650 PUT
Condition -1
अगर निफ़्टी 16700 से आगे जाके 16755 तक जाता है तो क्या होगा ?
OTM CALL – 16750 CALL वह (ATM) एटीएम हो जायेगा |
OTM PUT – 16650 PUT वह OTM हे रहेगा |
Condition -2
अगर निफ़्टी 16700 से निचे की तरफ जाता है 16645 की तरफ जाता है तो क्या होगा ?
OTM CALL – 16750 CALL वह OTM हे रहेगा |
OTM PUT – 16650 CALL वह (ATM)एटीएम हो जायेगा |
What is Option Greeks & its Effect on Option Trading
- मार्केट की अलग- अलग न्यूज़ , इवेंट्स जैसे चुनाव,बजट,कम्पनी फाइनेंसियल रिजल्ट्स ,इनका स्टॉक /इंडेक्स की प्राइस पर प्रभाव पड़ता है |
- ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के प्रीमियम यानी प्राइस अपने अंडरलाइन एसेट ( स्टॉक /इंडेक्स ) के साथ बढ़ती और घटती है ,ऑप्शन प्राइस में टाइम की भी वैल्यू जोड़ी जाती है जो हमें ऑप्शन ग्रीक सहायता से समज आता है |
- ऑप्शन Greeks ये फार्मूला से बनते है ,जिसका उपयोग Option contract Price पर पड़ने वाले प्रभाव को समझना है , और उसका उपयोग आप Option Trading में सही कॉन्ट्रेक्ट और सही कीमत चुनने के लिए कर सकते है |
Option Greeks types
- Delta – डेल्टा – Δ – Important for trading
- Gamma – गामा – γ
- Vega – वेगा
- Theta – थीटा – θ – Important for trading
- Rho – रो – ρ
What is Delta ? डेल्टा क्या होता है ?
- स्टॉक /इंडेक्स की प्राइस या वैल्यू को Underlying Asset कहते है जिससे ऑप्शन का प्रीमियम बनता है | जब stock /Index की Value बदलती है तो उसका सीधा असर ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट के primium पर पड़ता है , उसको डेल्टा की मदत से समजते है इसको हम उदहारण से समझते है |
- जब stock /Index की कीमत 1 पॉइंट से बढती है उस टाइम ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू 0.5 बढ़ती है ऐसे समय उस ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट का डेल्टा 50 % होता है , मतलब stock /Index 10 पॉइंट से बढ़ेगा तब ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट 5 पॉइंट् ही बढ़ेगा |
- निफ़्टी अभी 17000 और अपने 17000 CALL को ख़रीदा है उसका प्रीमियम 70 RS है अगर निफ़्टी 17050 तक जाता है उसी समय आपका 17000 CALL का प्रीमियम 85 RS होगा |
एक्सपायरी होने पर जो भी call या put ITM होते है उनका प्राइस 100 % पास होता है , और जो call या put OTM होते है वह 0 हो जाते है|
ITM, ATM, OTM and Delta Relation – ITM ,ATM ,OTM और डेल्टा का संबंध
- IN THE MONEY – ITM – 0.8 डेल्टा value
- AT THE MONEY – ATM – 0.6 डेल्टा value
- OUT OF MONEY – OTM – 0.3 डेल्टा value
What is Gamma ? गामा क्या होता है ?
- Gamma भी एक ऑप्शन Greek है |
- इसका ट्रेडिंग के लिए उतना उपयोग नहीं होता है , लेकिन आपको जानकारी होनी चाहिए |
- Gamma एक tolerance की तरह होता है , जब stock /Index की कीमत 1 पॉइंट से बढ़ता है , और ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू 0.5 बढ़ती है जैसे हमें ऊपर देखा | और Gamma 0.02 है इसका मतलब ,ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू 0.5- 0.02 = 0.48 या 0.5 + 0.02 = 0.52 हो सकती है|
What is Theta ? – थीटा क्या होता है ?
- थीटा से हम Option contract Expiry को बचा हुवा समय और ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट के primium ( Fair Price )पर पड़ने वाला असर को जान सकते है |
- Theta की वैल्यू नेगेटिव होती है , Option contract को Expir के लिए बचा हुवा समय महत्वपूर्ण होता है |
- जैसे जैसे Option contract की Expiry नजदीक आती है वैसे वैसे Option contract के प्रीमियम कम होते है |
- थीटा का उपयोग Option Selling करने वालो को ज्यादा फायदा होता है |
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