REPO Rate and Reverse REPO kya Hota Hai | REPO Rate Effect on Stock Market
What is REPO Rate क्या होता है ?
REPO – Re Purchase Option
रेपो रेट
बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है ,उसके बदले में बैक को कुछ गिरवी रखना पड़ता है जैसे गोवेर्मेंट बॉण्ड्स और यह बॉण्ड्स .बैंक पैसे आने पर ब्याज के साथ आरबीआई से वापस खरीद लेता है , इसपर जो ब्याज लगता है उसे REPO rate कहते है |
इसलिए जब भी REPO rate बढ़ता है , तो बैंक को ज्यादा पैसे चुकाने होते है इसलिऐ बैंक अपने ग्राहक जिन्हे लोन दिया है उनका interest rate बढ़ाता है यानी रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है ,
रेपो रेट कम होने पर बैंक से मिलने वाले कई तरह के कर्ज सस्ते हो जाते है . जैसे कि होम लोन, व्हीकल लोन वगैर।
What is Reverse REPO Rate क्या होता है ?
रिवर्स रेपो रेट
जब भी बैक के पास पर्याप्त धन होता है तो बैंक उसे आरबीआई के पास जमा करती है और बैक को आरबीआई से जमा धन पर ब्याज मिलता है
यह रेपो रेट से उलट होता है इसे ही रिवर्स रेपो रेट कहते है ,
जब भी मार्किट में तेजी आती है तो बैंक में पैसा बढ़ने लगता है , यानि लिक्विडिटी जब ज्यादा होती है तब आरबीआई रिवर्स रेपो रेट को बढ़ता है ताकी बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपना पैसा आरबीआई जमा करती है |
How Demand and Supply works | डिमांड और सप्लाई कैसे बढ़ता और कम होता है
जब भी किसी चीज का सप्लाई कम होता है और डिमांड ज्यादा होती है तो उस वस्तू के भाव बढ़ने लगते है |
जब भी किसी वस्तू का डिमांड कम होता है और मार्केट में सप्लाई ज्यादा होता है तो उस वस्तू के भाव कम होने लगते है | इसको एक उदाहरण से समज़ते है |
उदाहरण के लिए हम लॉकडाउन में फेस मास्क की कीमतों को लेते है
जब पहला लॉकडाउन अचानक से शुरू हुवा तब मास्क मार्केट में कम थे याने सप्लाई कम था और डिमांड अचानक से बढ़ने के कारन भाव आसमान छूने लगे हमने तब ४००/५०० rs में एक मास्क ख़रीदा है |
जब दूसरा लॉक डाउन हुवा उसके पहले फेस मास्क के मैन्युफैक्चरिंग को सरकारने भी बढ़ावा दिया इसके कारन , मास्क का सप्लाई बहुत ज्यादा बढ़ गया और उसके मुकाबले डिमांड कम हुवा इसके कारण मास्क के भाव बहुत कम हो गए |
INFLATION VS GROWTH
When Inflation Rate Increase ? महंगाई दर कब बढ़ता है ?
रेपो रेट कम होने के कारन बैंक अपना Home Loan ,Vehical Loan के Interest rate कम रखती है , जिसके कारन ज्यादा लोग लोन लेते है , और वह पैसा मार्केट में आता है , जिसके कारन Liquidity बढ़ती है , डिमांड बढती है , और वस्तु के भाव भी बढ़ने लगते है और धीरे धीरे महंगाई बढ़ने लगती है |