Benefits of Investing in Indian Stock Market – शेयर बाजार में निवेश के लाभ
अगर आप महंगाई दर (Inflation rate) के असर से सुरक्षित रहना चाहते हैं, तो आपके पूरे निवेश का कुछ हिस्सा इक्विटी(Stocks) में होना ज़रूरी है।
ज़ोखिम (Risk) और रिटर्न जुड़े हुए हैं। ज्यादा रिस्क होगा, तो ज्यादा रिटर्न होने की संभावना है। कम रिस्क होगा, तो रिटर्न भी कम होगा।शेयर बाजार अस्थिर है लेकिन unpredictable Market (अप्रत्याशित) नहीं है
Capital Growth –पूंजी वृद्धि
अगर आप कुछ निवेश करते है और उसका भाव में बढ़त होती है तो आपकी निवेश की हुई राशि में वृद्धि हो है| यदि कोई व्यक्ति ५ साल पहले ५० रुपये में एक स्टॉक एबीसी खरीदता है, और अब स्टॉक का वर्तमान मूल्य या उसका बाजार मूल्य २०० रुपये है, तो इसका मतलब है कि आपकी पूंजी ४ गुना बढ़ गई है।
Dividend income –लाभांश –
कंपनी अपने वर्ष के दौरान का Net Profit (लाभ) को उन निवेशकों के साथ बांटती(Share) है जो काफी समय से निवेश करते हैं|लाभांश एक विश्वसनीय income source हैं |
Tax Benefit –टैक्स लाभ
अगर आप स्टॉक खरीदते हैं और एक साल के अंदर बेचते हैं तो आपको profit पर 15% टैक्स देना होगा।और अगर आप एक साल से अधिक उसे होल्ड करते है और आपका प्रॉफिट 1 लाख से कम है तो आपको सरकार को कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं है|
Bonus Share and Stock Split-
यदि निवेशक ए के पास कंपनी के 100 शेयर हैं और कंपनी 2 :1 बोनस की घोषणा करती है, यानी हर एक शेयर के लिए, उसे 2 शेयर मुफ्त में मिलते हैं। यानी कुल 200 शेयर मुफ्त में और उसकी कुल हिस्सेदारी बढ़कर 300 शेयर हो जाएगी।शेयर की कीमत में फिर से वृद्धि होगी तो आपके Capital Grow होगा |.
Power of Compounding –चक्रवृद्धि का बल
Power of compounding is the biggest secret of money and wealth.
शेयर में लंबे समय तक निवेश करने से, बाजार में चक्रवृद्धि वृद्धि हो सकती है| क्योंकि आप लाभांश प्राप्त करते हैं, शेयर बायबैक, साथ ही साथ शेयर की कीमत में वृद्धि होती है | और अगर आपको बोनस शेयर मिलता है या स्टॉक स्प्लिट होता है और फिरसे स्टॉक की कीमत बढ़ती है तो आपकी कैपिटल मे ग्रोथ होगी |
Flexibility To Invest in Smaller Amounts – छोटी राशि में भी आप निवेश चालू कर सकते है
बाजार में छोटे निवेश के साथ शुरुआत कर सकते हैं |बाजार में छोटे निवेश के साथ शुरुआत कर सकते हैं अपनी financial परिस्थितियों के अनुकूल आप निवेश कर सकते है और आप जब चाहे उसे कॅश में कन्वर्ट कर सकते है
A simple Example of Compounding Interest in Stock Market
कम्पौंडिंग इंटरेस्ट का एक सरल उदाहरण
यदि किसी व्यक्ति ने रु. 1980 के दशक में विप्रो कंपनी के शेयरों में 5000 /- रुपये निवेश किये होते तो उसकी कीमत 2017 में 226 करोड़ हो जाती |यही है कंपाउंडिंग की ताकत है |
YEAR | NUMBER OF SHARES | ACTION | FACE VALUE |
1980 | 100 | Initial Investment | Rs. 100 |
1981 | 200 | 1:1 Bonus | Rs. 100 |
1985 | 400 | 1:1 Bonus | Rs. 100 |
1986 | 4000 | Stock split to FV Rs.10 | Rs. 10 |
1987 | 8000 | 1:1 Bonus | Rs. 10 |
1989 | 16,000 | 1:1 Bonus | Rs. 10 |
1992 | 32,000 | 1:1 Bonus | Rs. 10 |
1995 | 6,4000 | 1:1 Bonus | Rs. 10 |
1997 | 1,92,000 | 2:1 Bonus | Rs. 10 |
1999 | 9,60,000 | Stock split to FV Rs.2 | Rs. 2 |
2004 | 28,80,000 | 2:1 Bonus | Rs. 2 |
2005 | 57,60,000 | 1:1 Bonus | Rs. 2 |
2010 | 96,00,000 | 2:3 Bonus | Rs. 2 |
2017 | 1,92,00,000 | 1:1 Bonus | Rs. 2 |
Importance of Investing – निवेश का महत्व
- जैसा कि हम जानते हैं कि निवेश का उद्देश्य पैसा बढ़ाना है| भविष्य को बेहतर बनाने के लिये Investment (निवेश) करना बेहत जरुरी है|
- महंगाई दर(Inflation rate) को मात देने के लिए निवेश करना जरुरी है|वित्तीय लक्ष्य(financial goal) प्राप्त करने के लिए,बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए निवेश करना जरुरी है |
- निवेश (Invest) करने से पहले आपको एक जीवन और स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ उठाना चाहिए |अपनी financial परिस्थितियों के अनुकूल निवेश करें|
Popular investment option in India
लोकप्रिय निवेश विकल्प
Investment options are two types –निवेश के विकल्प दो प्रकार के होते हैं
Market -linked products -बाजार से जुड़े उत्पाद
Fixed income products -निश्चित आय उत्पाद
Popular investment option in India
- Direct Equity – Stock Market
- Fix Deposits – FD /RD
- Mutual Fund /SIP
- PPF – Public Provident fund
- Government bonds
- Gold
Important Role of stock market – शेयर बाजार क्यों जरूरी है ?
- शेयर बाज़ार किसी भी विकसित देश की अर्थ्व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है ,शेयर बाज़ार अर्थव्यवस्था को दर्शाता है |
- शेयर बाजार का मुख्य कार्य कंपनियों के लिए (Capital) पूंजी के स्रोत (source) के रूप में कार्य करना है,ताकी कंपनी अपनी व्यावसायिक आवश्यकताओं को बढ़ाने के लिए आवश्यक पूंजी जुटा सके, और दूसरा उदेश्य निवेशकों या व्यापारियों के लिए जो उस कंपनी से लाभ प्राप्त करने के अवसर की तलाश करते हैं |
- शेयर बाजार वह स्थान है जहाँ कंपनियों के शेयर खरीदे-बेचे जा सकते हैं |
- शेयर बाजार एक्सचेंज की तरह काम करता है , व्यापारियों या निवेशकों को उन विशेष कंपनियों के शेयरों जो एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हैं,उसे खरीदने या बेचने की अनुमति देता है |
शेयर बाज़ार को दो वर्गों में बांटा जाता है |
पहला प्राइमरी (Primary Market)
सेकेंडरी मार्केट (Secondary Market)
Primary Market – मुख्य बाज़ार
प्राइमरी मार्केट को New Issue Market भी कहा जाता है |
जब भी कोई कंपनी को बड़ा करना होता है तो उन्हें पैसे की जरुरत होती है और इसी जरुरत को पूरा करने के लिए कॅपिटल जुटाने के उद्देश्य से कम्पनी अपने शेयर्स प्राइमरी मार्केट लाती है |
जब कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध (listed) होना चाहती है तब कंपनी को स्टॉक मार्केट में लिस्टेड (Listed ) होने के लिए कंपनी को IPO लाना पड़ता है |
IPO में निवेशक सीधे कम्पनी से शेयर खरीद सकते हैं।
IPO तब होता है जब कोई कंपनी पहली बार निवेशक को स्टॉक जारी करती है।
Secondary Market-द्वितीयक बाज़ार
प्राइमरी मार्केट में IPO आने के बाद कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती है और उसके बाद उन्ही कंपनी के स्टॉक में आप Investing या ट्रेडिंग कर सकते है |
सेकेंडरी मार्केट रिटेलर यानी आप और हम जैसे लोगो को Trading & Invesing के लिए एक Platform प्रदान करता है|
Role of SEBI – सेबी की क्या भूमिका है ?
सेबी एक Regulatory Authority है , जो मार्केट के हर कोने पर नजर रखती है और गलत लोगो से मार्केट या हमारे जैसे ट्रेडर या इन्वेस्टर को कोई धोखा न हो उसकी खबरदारी रखती है |
सेबी की स्थापना 12 अप्रैल 1988 में हुई है , लेकिन भारत सरकार ने एक अध्यादेश के माध्यम से सेबी अधिनियम 1992 के तहत इसको 30 जनवरी 1992 को वैधानिक मान्यता दि |
- सेबी Primary और Secondary मार्केट दोनों को नियंत्रित करता है|
- सेबी भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों म्यूचुअल फंड और वित्तीय बाजारों को नियंत्रित करता है |
- सेक्योरिटीज मार्केट में निवेशको के हितों का संरक्षण करता है ,सेबी सुरक्षा बाजार के विकास को प्रोत्साहित करता है और निगरानी रखता है |
- स्टॉक ब्रोकर्स, सब-ब्रोकर्स, शेयर ट्रान्सफर एजेंट्स, ट्रस्टीज, मर्चेंट बैंकर्स, अंडर-रायटर्स, गोल्ड एक्सचेंज, पोर्टफोलियो मैनेजर आदि के कार्यो का नियमन करना एवं उन्हें पंजीकृत करना।
- Unfair Trade Practices को समाप्त करना ,इनसाइडर ट्रेडिंग पर रोक लगाना |
- बाजार से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित करना तथा निवेशकों की शिक्षा को प्रोत्साहित करना |
Stock Exchanges in India -भारत के स्टॉक एक्सचेंज
Bombay Stock Exchange (BSE) , National Stock Exchange (NSE)
जहां शेयरों की खरीद या बिक्री या शेयरों की ट्रेडिंग systematic way से होती है।
स्टॉक एक्सचेंज खरीदारों और विक्रेताओं के लिए Meeting place है।
यहां securities नियमों और विनियमों के अनुसार खरीदा और बेचा जाता है,यहां securities में एक public company कंपनी द्वारा जारी किए गए डिबेंचर और शेयर शामिल हैं जो स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड है |
Recognized Stock Exchanges | Short Forms | Segments Permitted |
BSE Ltd. | BSE INDIA | a. Equity |
Indian Commodity Exchange Limited | ICEX INDIA | Commodity Derivatives |
Multi Commodity Exchange of India Ltd. | MCX INDIA | Commodity Derivatives |
National Commodity & Derivatives Exchange Ltd | NCDEX | Commodity Derivatives |
National Stock Exchange of India Ltd. | NSE INDIA | a. Equity |
Indices in Indian Stock market | शेयर बाजार सूचकांक
शेयर बाजार सूचकांक(Indices) एक सांख्यिकीय माप है जो शेयर बाजार में हो रहे परिवर्तनों को दर्शाता है ,Indices stocks के समूह के price performance के प्रदर्शन को मापते हैं| स्टॉक इंडेक्स आपको किसी विशेष क्षेत्र के trends की पहचान करने और उसके अनुसार निवेश निर्णय लेने में भी सहायता करते हैं|
Types of Indices in Indian stock market , शेयर बाजार सूचकांक के प्रकार
- Benchmark indices(बेंचमार्क इंडेक्स} such as BSE Sensex and NSE Nifty50
- Broader indices (बॉर्डर इंडेक्स} such as Nifty 50 and BSE 100
- Indices created based on market capitalization of companies, such as BSE Midcap and BSE Smallcap- कंपनियों के बाजार पूंजीकरण के आधार पर
- (सेक्टर पर आधारित) Sector-specific indices like Nifty FMCG, Nifty Bank
Market Cap /broad-@BSE | BSE Indices (Sector Type) | Broad Market Indices@NSE | NSE Indices (Sector Type) |
S&P BSE SENSEX | S&P BSE Basic Materials | NIFTY 50 | NIFTY BANK |
S&P BSE SENSEX 50 | S&P BSE Basic Materials | NIFTY NEXT 50 | NIFTY AUTO |
S&P BSE SENSEX Next 50 | S&P BSE Consumer Discretionary Goods & Services | NIFTY 100 | NIFTY PHARMA |
S&P BSE 100 | S&P BSE Energy | NIFTY 200 | NIFTY FIN SERVICE |
S&P BSE Bharat 22 Index | S&P BSE Fast Moving Consumer Goods | NIFTY 500 | NIFTY IT |
S&P BSE MidCap | S&P BSE Finance | NIFTY MIDCAP 50 | NIFTY MEDIA |
S&P BSE SmallCap | S&P BSE Healthcare | NIFTY MIDCAP 100 | NIFTY FMCG |
S&P BSE 200 | S&P BSE Industrials | INDIA VIX | NIFTY PSU BANK |
S&P BSE 150 MidCap Index | S&P BSE Information Technology | NIFTY MIDCAP 150 | NIFTY PVT BANK |
S&P BSE 250 SmallCap Index | S&P BSE Telecom | NIFTY SMLCAP 50 | NIFTY REALTY |
S&P BSE 250 LargeMidCap Index | S&P BSE Utilities | NIFTY SMLCAP 250 | NIFTY METAL |
S&P BSE 400 MidSmallCap Index | S&P BSE AUTO | NIFTY MIDSML 400 | |
S&P BSE 500 | |||
S&P BSE AllCap | |||
S&P BSE LargeCap | |||
S&P BSE SmallCap Select Index | |||
S&P BSE MidCap Select Index | |||
S&P BSE 100 LargeCap TMC Index |
शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के लिए
- निवेश शुरू करने की पहली आवश्यकता है,टॉप रेटेड ब्रोकर के साथ डीमैट खाता खोलें, डीमैट खाता खोलने के लिए किसी भी शुल्क की आवश्यकता नहीं है |
- अच्छे फंडामेंटल वाले स्टॉक / कंपनी चुनें ,कुछ अच्छी वेबसाइटें हैं जैसे moneycontrol.com आपको सही स्टॉक चुनने के लिए मार्गदर्शन करेगी। साथ ही आपका स्टॉक ब्रोकर आपको सही स्टॉक चुनने के लिए मार्गदर्शन कर सकता है|
- कुछ शेयरों का चयन करें,मासिक या अपनी सुविधा के अनुसार निवेश शुरू करें।
- स्टॉक मार्केट में कंपाउंडिंग इफेक्ट ( compounding effect in hindi ) अर्थ का अनुभव करने के लिए,स्मॉल अप और डाउन के लिए टेंशन न लें, केवल लॉन्ग टर्म पर फोकस करें|
Learn Basics Of Stock Market in Hindi | शेयर बाजार संरचना
When to Start Investing in Stock Market| शेयर बाजार में इनवेस्ट कब शुरू करे ?