March 20, 2022

Top 4 Option Trading Strategies in Hindi | ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का उपयोग कैसे करे

Top 4 Option Trading Strategies in Hindi | ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का उपयोग कैसे करे ?

 

OPTION TRADING STRATEGY AND ITS TYPES FOR TRADING

 

 

                      OPTION TRADING MAIN TWO TYPES OPTION BUYING AND OPTION SELLING

ऑप्शन ट्रेडिंग के मुख्य प्रकार ऑप्शन बाइंग और ऑप्शन सेलिंग

 

OPTION BUYING VS OPTION SELLING 

  • ऑप्शन बाइंग और ऑप्शन सेलिंग दोने प्रकार से भी आप ऑप्शन ट्रेडिंग करके पैसे बना सकते है , ऑप्शन बाइंग और ऑप्शन सेलिंग में से आपको क्या करना आपकी पर्सनालिटी को पोषक है,ये आप ही तय कर सकते है,दोनों के अपने अपने फायदे और नुकसान भी है आप उसे समज लेते है तो आप पैसा बना सकते है |
  • रिस्क मनेजमेंट , पोजीशन साइज़िंग और सही ट्रेंड पहचानकर उसमे टिके रहना यही आपको मार्केट से पैसा बनाकर देंगे |

 

Importent Factor For Selection of Option Buying or Option Selling

 

 

OPTION TRADING TYPES

 

 

OPTION BUYING – ऑप्शन बाइंग

  • उदाहरण के लिए एक स्ट्राइक प्राइस जिसका प्रीमियम अभी  50  है |
  • Margin requir पैसा कितना लगता है –     एक LOT खरीदने के लिए   ₹2,350.  Margin देना होगा
  • MAXIMUM RISK -अधिकतम जोखिम  –  Primium 0 हो सकता है  , अधिकतम जोखिम  ₹2,350
  • PROFIT -फायदा   –    असीमित फायदा हो  सकता है |
  • Market Trend Require – प्रॉफिट होने के लिए मार्किट कैसा होना चाहिए  –  अगर अपने CAll BUY किया है तो मार्किट Up Trend में होना बहुत जरुरी है | अगर अपने PUT BUY  किया है तो मार्किट Down Trend में होना बहुत जरुरी है |
  • Risk/ Reward Ratio  रिस्क टू रिवॉर्ड  रेशियो  –  कमसे कम 1 :3 या उससे भी ज्यादा होना चाहिए ऑप्शन बाइंग के ट्रेड कम मिलते है |

OPTION SELLING ऑप्शन सेलिंग

  • उदाहरण के लिए एक स्ट्राइक प्राइस जिसका प्रीमियम अभी  50  है |
  • 50प्रीमियम  का एक LOT बेचने के लिए  ₹80,284  Margin देना होगा .
  • MAXIMUM RISK -अधिकतम जोखिम  – Primium  कितना भी बढ़ सकता है , असीमित जोखिम
  • PROFIT -फायदा – आप 50 में बेच रहे हो तो आपको फायदा 50 पॉइंट ही मिल सकता है |

 

Option Buying  Benefits and Challenges

  • ऑप्शन बाइंग  में ऑप्शन सेलिंग के मुकाबले कम कॅपिटल जरुरत होती है |
  • ऑप्शन बाइंग में मार्केट या स्टॉक आपके ट्रेड के डायरेक्शन में जाना बहुत जरुरी है , Time Value,Option Volatality , इन वजह से ऑप्शन मार्केट अगर कोई ट्रेंड नहीं पकड़ता है तो आपको मुनाफा होने की संभावना बहुत कम होती है |
  • यानी अगर आपने  CAll BUY किया है और मार्किट कोई दिशा में नहीं जा रहा (A sideways market) फिर भी आपको प्रॉफिट नहीं मिलेगा |
  • Risk/ Reward  (R/R ) Ratio  रिस्क टू रिवॉर्ड  रेशियो –  ऑप्शन बाइंग  में कमसे कम 1 :3 या उससे भी ज्यादा होना चाहिए ऑप्शन बाइंग के ट्रेड कम मिलते है  ऑप्शन सेलिंग की तुलना में
  • टाइम वैल्यू और वोलटालिटी की वजह से ऑप्शन बाइंग थोड़ा मुश्किल होता है ऑप्शन सेलिंग की तुलना में

Option Selling  Benefits and Challenges

  • ऑप्शन सेलिंग  में ऑप्शन बाइंग के मुकाबले  कई गुना ज्यादा कॅपिटल जरुरत होती है |
  • ऑप्शन सेलिंग में  मार्केट आपके ट्रेड के डायरेक्शन में नही भी जाता है फिर भी आपको छोटा प्रॉफिट मिल सकता है
  • टाइम वैल्यू और वोलटालिटी की वजह से ऑप्शन सेलिंग थोड़ा आसान होता है ऑप्शन बाइंग की तुलना में
  • Risk/ Reward  (R/R ) Ratio  रिस्क टू रिवॉर्ड  रेशियो –  1 :2 का होना चाहिए ,ऑप्शन सेलिंग के ट्रेड ज्यादा मिलते है ऑप्शन बाइंग की तुलना में

 

 

 

Best option buying strategy

 

WHAT IS OPTION TRADING STRATEGY – ऑप्शन स्ट्रेटेजी क्या होता है ?

 

Derivative Market के बारेमें हमने विस्तार से जानकारी अपने पिछले पोस्ट देखि है |

  • Share market में किसी भी सेगमेंट में ट्रेडिंग करते समय , आपने जो ट्रेड लिया है वह आपको जादासे ज्यादा फायदा कैसे मिल सकता है , और अगर नुकसान हुवा तो वह कैसे कम से कम होना चाहिए ये जानना बहुत जरुरी है और वह हम आगे देखेंगे |
  • Option Contract में ट्रेडिंग करते समय जोखिम (Risk ) कम से कम होनी चाहिए , इसकेलिए कुछ Option game Plan या Low risk Option Strategy बनायीं जाती है |
  • मार्किट में भविष्य में आनेवाले उतार चढाव का अनुमान लगाके , अलग ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट का उपयोग करके ट्रेडिंग का नियोजन करने को ही ऑप्शन स्ट्रेटेजी कहते है |
  • आप ऐसी स्ट्रेटेजी या ट्रेडिंग का नियोजन stock (Cash market ) , ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट , फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट को मिलाकर भी कर सकते है |
    कोई भी स्ट्रेटेजी या ट्रेडिंग का नियोजन करने से पहले आपको Risk Managment , postion Sizing , Trading Plan होना बहुत जरुरी है |

What are the Four Options Trading Strategies? ऑप्शन की चार बेसिक स्ट्रेटेजी कोनसी है  ?

  • अगर मार्केट के बारेमें आपका अनुमान बुलिश है –  Bullish options strategies
  • अगर मार्केट के बारेमें आपका अनुमान बेयरिश है –  Bearish options strategies
  • अगर मार्केट के बारेमें आपका अनुमान वोलेटाइल है –  Volatility options strategies
  • अगर मार्केट के बारेमें आपका अनुमान नूट्रल है –  Neutral option strategies 

At a Time you have to use one Strategy as Per Your Study and Prediction of Market Trend

 

ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का उपयोग कैसे करे ?

Bullish Strategy  बुलिश स्ट्रेटेजी

Bearish Strategy बेयरिश स्ट्रेटेजी

Volatile Strategy वोलेटाइल स्ट्रेटेजी

 Nutral Strategy नूट्रल स्ट्रेटेजी

Long Call -लॉन्ग कॉल 

Long Put - लॉन्ग पुट

Long straddle - लॉन्ग स्ट्रैडल

Short  Straddle -शॉर्ट स्ट्रैडल 

Short Put -  शॉर्ट पुट 

Short  Call -शॉर्ट कॉल

Long  strangle-    लॉन्ग स्ट्रैंगल 

Short strangle - शॉर्ट स्ट्रैंगल 

Senthatic Long Call -सिंथेटिक लॉन्ग कॉल

Senthatic Short Stock सिंथेटिक शॉर्ट स्टॉक

Short Butterfly -    शॉर्ट बटरफ्लाई 

Long Butterfly  -  लॉन्ग  बटरफ्लाई 

Coverd Call - कवर्ड कॉल

      Bear Spread       बेयर स्प्रेड 

short condor -         शॉर्ट कोंडोर 

Long condor -   लॉन्ग कोंडोर 

Bull spread -बुल स्प्रेड 

Ratio Call spread-रेश्यो कॉल स्प्रेड

Stock with Caller-  स्टॉक विथ कॉलर 

Ratio Put spread- रेश्यो पुट स्प्रेड

Protective Put Plus Stock - प्रोटेक्टिव पुट प्लस स्टॉक

Box spread - बॉक्स स्प्रेड 

 

  Bullish options strategies To Make Consistance Profit From Option Trading – अगर मार्केट के बारेमें आपका अनुमान बुलिश है 

 

How do you make a consistent profit in options

 

 

Options strategies का उपयोग करने से पहले आपको , मार्केट के ट्रेंड के बारेमे अनुमान लगाना पड़ता है ,
आप जो भी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का उपयोग करते हो , वह स्ट्रेटेजी जब आपको खरीदने का सिग्नल देती है , तब आप Bullish Options strategies का उपयोग कर सकते है |
मार्किट या कोई स्टॉक कितना ऊपर जा सकता है उसके अनुसार आप को Options strategies चुननी चाहिए |

 

Types of Bullish Options strategies – बुलीश ऑप्शन स्ट्रेटेजी के प्रकार

  1. Long Call  लॉन्ग कॉल
  2. Short Put शार्ट पुट
  3. Synthatic Long Stock सिंथैटिक लॉन्ग स्टॉक
  4. Bull Spread बुल स्प्रेड

 

Long Call  लॉन्ग कॉल

  • अगर आप के टारगेट अनुसार मार्केट या स्टॉक ऊपर जाता है तो आपको अच्छा फायदा होगा , इसका उपयोग सामान्य रूप से कम समय के ट्रेडिंग के लिए किया जाता है , Intraday Trading  , Scalping Trading के लिए इसका ज्यादा उपयोग होता है |
  •  कॅश मार्किट में जैसे आप स्टॉक खरीदकर मुनाफा कमाते है वैसे ही डेरीवेटिव मार्किट में आप कॉल ऑप्शन खरीदकर मुनाफा कमा सकते हो , और OPTION BUYING के लिए आपको बहुत कम मार्जिन की जरुरत होती है |
  • लेकिन इसके लिए आपको स्टॉक या इंडेक्स की एक्सपायरी के अनुसार सही स्ट्राइक प्राइस ( STRIKE PRICE ) चुनना बहोत जरुरी ह|
  • OPTION BUYING के लिए आपको बहुत कम मार्जिन की जरुरत होती है | Low Capital Option Buying Strategies 

 

Short Put – शार्ट पुट

  • अगर Index  या Stock के बारेमे आप बुलिश हो यानि आपके ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी के हिसाब से मार्केट ऊपर जा सकता है ऐसे समय आप PUT OPTION CONTRACT को बेच सकते हो और मुनाफा कमा सकते हो |
  • इसे OPTION SELLING STRATEGY भी कहते है , और OPTION CONTRACT को SELL करने वाले को OPTION WRITER ऑप्शन राइटर भी कहते है
  • इसमें आपको ऑप्शन का प्रीमियम जितना कम होगा उतना आपका प्रॉफिट होगा , ऑप्शन सेल्लिंग में लिमिटेड प्रॉफिट होता है |
  • ऑप्शन सेल्लिंग में आपको ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में होने वाले टाइम डीके का भी फायदा होता है |
  • सबसे जरुरी बात  आपको स्टॉक या इंडेक्स की एक्सपायरी के अनुसार सही स्ट्राइक प्राइस ( STRIKE PRICE ) चुनना बहोत जरुरी है |

 

Synthetic long call Option Strategy – सिंथेटिक लॉन्ग कॉल स्ट्रैटेजी

 

long Call  और  short Put  को मिलाकर यह ऑप्शन स्ट्रेटेजी (Option Strategy ) बनती है |

इसका उपयोग आप कब कर सकते है |

  • जब भी आपको लगता है की मार्किट या स्टॉक आपने ली हुई स्ट्राइक प्राइस से निचे नहीं जायेगा लेकिन ऊपर जा सकता है , ऐसे समय यह ऑप्शन स्ट्रेटेजी कम आती है
  • जब भी आपको लगता है की स्टॉक या मार्केट ऊपर की दिशा यानी Up Trend में जा सकता है लेकिन आपको neked option खरीदकर या बेचकर ज्यादा रिस्क नहीं लेनी है |
  • या फिर मार्किट में ज्यादा वोलटैलिटी (Increase in volatility) है | लेकिन आपका Long term view यानि दृष्टिकोण बुलिश है |

 

How to build synthetic long call strategy – सिंथेटिक लॉन्ग कॉल स्ट्रैटेजी कैसे बनाते है 

Buy Same Strike Price Call Option and sell Same Strike price Put Option

  • अगर कोई स्टॉक या इंडेक्स की कीमत 300 है , और आपको लगता है की यह 400 तक जा सकता है
  • तो आप 300 स्ट्राइक प्राइस का कॉल खरीदना है और 300 स्ट्राइक प्राइस का पुट ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट बेचना है |
    Call और Put की स्ट्राइक प्राइस एक ही होनी चाहिए जैसे हमें उदाहरण के लिए 400 स्ट्राइक प्राइस ली है |

मुनाफा (Profit) कब होगा  –  इस ऑप्शन स्ट्रेटेजी में मुनाफा Unlimeted ( असीमित ) है , लेकिन मार्केट या स्टॉक अगर आपके अनुमान नुसार ऊपर जाता है तो |

नुकसान (Loss)  कितना  होगा  – अगर आपने जो स्ट्राइक प्राइस चुनी है , एक्सपायरी के समय अगर मार्किट या स्टॉक उस प्राइस से निचे आता है|तो आपने call option खरीदने के लिए और प्रीमियम दिया है वह शुन्य हो जायेगा , लेकिन अपने put शार्ट की है उसका प्रीमियम आपको मिलेगा

Loss = Call option Primium – Primum recived in Put Option selling

Time Decay –  टाइम डीके का यह ऑप्शन स्ट्रेटेजी पर कोई असर नहीं पड़ता है , क्यू की आपने पुट ऑप्शन को शार्ट किया है

 

Bull Call Spread Option Strategy –  बुल कॉल स्प्रेड

 

ऑप्शन बाइंग (Option Buying ) में प्रॉफिट असीमित है और नुकसान सीमित है , और ऑप्शन सेलिंग (Option Selling ) में लिमिटेड प्रॉफिट और अनलिमिटेड लॉस होने की सम्भावना होती है |

आगे हम Bull Spread Option Strategy के बारेमे विस्तार से जानकारी लेंगे |

  • इस स्ट्रेटेजी से हमे लिमिटेड लॉस( Limited Loss ) और लिमिटेड प्रॉफिट (Limited Profit ) हो सकता है |
  • लेकिन इस स्ट्रेटेजी से बड़े नुकसान नहीं होते है यह इसकी सबसे अच्छी बात है |
  • बुलिश मार्केट में इसका इस्तमाल करने पर इसे बुलिश स्प्रेड ऑप्शन स्ट्रेटेजी कहते है |

यह स्ट्रेटेजी दो Call option के उपयोग बनायीं जाती है , आपको दो स्ट्राइक प्राइस चुनने होंगे
कम स्ट्राइक प्राइस के Call option को खरीदना है , और ज्यादा स्ट्राइक प्राइस के कॉल ऑप्शन को सेल करना है

उदाहरण से समझते है |

आपका अनुमान है की मार्केट ऊपर की दिशा में जायेगा लेकिन एक लेवल तक ही जा सकता है |

अगर निफ़्टी आज 17000 पर बंद हुवा है , और आनेवाले समय में और एक्सपायरी तक आपको लगता है निफ़्टी 17300 तक जा सकता है |
17000 यह स्पॉट प्राइस हुवा

17200 का कॉल इसको हम A मानते है | प्रीमियम 50 है |

17100  का कॉल इसको हम B मानते है |  प्रीमियम 100 है |

17200 का कॉल इसको हम A मानते है | प्रीमियम 50 है | 17100 का कॉल इसको हम B मानते है |  प्रीमियम 100 है |
आपको B को खरीदना है और , A को सेल करना है ,

इस स्ट्रेटेजी में लिमिटेड लॉस और लिमिटेड प्रॉफिट है |

इसमें ज्यादा से ज्यादा लॉस कितना हो सकता है |

  • आपने B को खरीदने के लिए 100 rs दिए , और A को बेचकर आपको 50 rs . मिले , मतलब आपका ज्यादा से ज्यादा 50 rs. का लॉस हो सकता है |

इसमें ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट कितना हो सकता है |

  • आपके अनुमान अनुसार मार्किट 17300 तक पहुँचता है ,
    तो जो कॉल A आपने 100 rs. ख़रीदा है वह 200 लगभग हो जायेगा और आपने जो B को बेचा है वह भी 100 rs हो जायेगा
    मतलब आपका प्रॉफिट 50 rs होगा |

 

Bearish Options Strategies To Make a Consistent Profit | बेयरिश ऑप्शन स्ट्रेटेजी

 

जैसे हमने बुलिश मार्केट का अनुमान लगाके स्ट्रेटेजी बनाया वैसेही , अगर आपका मार्केट के बारेमे बेयरिश अनुमान है , तो उसके लिए भी ऑप्शन स्ट्रेटेजी है , जिसका उपयोग करके आप मार्केट में लम्बे समय तक टिके रह सकते है , और लम्बे समय टक जो मार्केट में टिकता है वह जरूर पैसे कमाता है |

क्रिकेट अगर आपको पसंद होगा ,तो आपको पता है Rahul Dravid the wall , हमेशा राहुल द्रविड़ के तरह पिच पर टिकना जरुरी है , रन्स अपने आप बनते जाते है , ट्रेडिंग में भी आप टिकते हो मतलब अपना अकाउंट लॉस से बचाते हो तो , आप अच्छे पैसे भी कमा सकते हो , ऑप्शन स्ट्रेटेजी भी आपको राहुल द्रविड़ के जैसा बनाएगी अपके लॉस को बहुत कम कर देगी और धीरे धीरे आपका अकाउंट बढ़ने लगेगा

 

Types of Bearish Options strategies – बेयरिश ऑप्शन स्ट्रेटेजी के प्रकार

  1. Long Put   लॉन्ग पुट
  2. Short Call  शार्ट कॉल
  3. Synthatic Short  Stock सिंथैटिक शार्ट स्टॉक
  4. Bear Spread – बेयर स्प्रेड

Options strategies का उपयोग करने से पहले आपको , मार्केट के ट्रेंड के बारेमे अनुमान लगाना पड़ता है ,
आप जो भी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का उपयोग करते हो , वह स्ट्रेटेजी जब आपको सिग्नल देती है , तब आप Bearish Options strategies का उपयोग कर सकते है |
मार्किट या कोई स्टॉक कितना  Down जा सकता है उसके अनुसार आप को Options strategies चुननी चाहिए |

 

Long Put   लॉन्ग पुट

  • अगर आप के टारगेट अनुसार मार्केट या स्टॉक निचे जाता है तो आपको अच्छा फायदा होगा , कॅश मार्किट में जैसे आप स्टॉक खरीदकर मुनाफा कमाते है वैसे ही
  • डेरीवेटिव मार्किट में आप  Put ऑप्शन खरीदकर मुनाफा कमा सकते हो , और OPTION BUYING के लिए आपको बहुत कम मार्जिन की जरुरत होती है |
  • OPTION BUYING के लिए आपको बहुत कम मार्जिन की जरुरत होती है |
  • सबसे जरुरी बात  आपको स्टॉक या इंडेक्स की एक्सपायरी के अनुसार सही स्ट्राइक प्राइस ( STRIKE PRICE ) चुनना बहोत जरुरी है |
  • OPTION BUYING में Theta Decay की वजह से ऑप्शन की कीमत रोज कम होती जाती है , इसलिए ऑप्शन बाइंग को हमेशा थोड़े समय या इंट्राडे करना बेहतर होता है |

 

Short Call  शार्ट कॉल

  • अगर मार्किट या स्टॉक के बारेमे आप बेयरिश हो यानि आपके ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी के हिसाब से मार्केट Down  जा सकता है ऐसे समय आप CALL OPTION CONTRACT को बेच सकते हो और मुनाफा कमा सकते हो ,
  • इसे OPTION SELLING भी कहते है , और OPTION CONTRACT को SELL करने वाले को OPTION WRITER ऑप्शन राइटर भी कहते है
  • इसमें आपको ऑप्शन का प्रीमियम जितना कम होगा उतना आपका प्रॉफिट होगा , ऑप्शन सेल्लिंग में लिमिटेड प्रॉफिट होता है |
  • ऑप्शन सेल्लिंग में आपको ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में होने वाले टाइम डीके का भी फायदा होता है |
  • सबसे जरुरी बात  आपको स्टॉक या इंडेक्स की एक्सपायरी के अनुसार सही स्ट्राइक प्राइस ( STRIKE PRICE ) चुनना बहोत जरुरी है |

Synthetic Short Option Strategy – सिंथेटिक शार्ट ऑप्शन स्ट्रैटेजी

जो हमने बेयरिश मार्किट के लिए long Put और short Call बारेमे जाना  , इन दोनों का उपयोग करके यह  ऑप्शन स्ट्रेटेजी (Option Strategy ) बनती है |

सिंथेटिक शार्ट ऑप्शन स्ट्रैटेजी क्यू बनाते है |

  • जब भी आपको लगता है की स्टॉक या मार्केट निचे की दिशा यानी  Down Trend में जा सकता है लेकिन आपको Neked Option खरीदकर या बेचकर ज्यादा रिस्क नहीं लेनी है |
  • या फिर मार्किट में ज्यादा वोलटैलिटी (Increase in volatility) है | लेकिन आपका Long term view यानि दृष्टिकोण बेयरिश है |

 

सिंथेटिक शार्ट  ऑप्शन स्ट्रैटेजी  कैसे बनाते है ? How to build Synthetic Short  Option strategy –

  • Buy Same Strike Price Put Option and sell Same Strike price Call Option
  • एक ही स्ट्राइक प्राइस A का Put Option ख़रीदे और स्ट्राइक प्राइस A के Call Option को सेल करे यानि बेचे |

सिंथेटिक शार्ट ऑप्शन स्ट्रैटेजी  उदाहरण के साथ समजे 

  • एक स्टॉक या इंडेक्स है जिसकी स्पॉट प्राइस अभी 17200 है।, आपके टेक्निकल एनालिसिस से आपको लगता है की मार्केट बेयरिश है ,निफ़्टी आनेवाली एक्सपायरी तक 17300 ( A ) के निचे बंद हो सकता है , इसके ऊपर नहीं जायेगा
  • तो आप 17200  स्ट्राइक प्राइस का Put Option  खरीदना है और 17200  स्ट्राइक प्राइस का Call ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट बेचना है |
    Call और Put की स्ट्राइक प्राइस एक ही होनी चाहिए जैसे हमें उदाहरण के लिए A स्ट्राइक प्राइस ली है |
  • यह स्ट्रेटेजी शार्ट सेल करने के जैसी ही है , इसमें कॉल ऑप्शन बेचने के कारन आपको थीटा डीके का भी लाभ मिलता है |

मुनाफा (Profit) कब होगा  –  इस ऑप्शन स्ट्रेटेजी में मुनाफा Unlimeted ( असीमित ) है , लेकिन मार्केट या स्टॉक अगर आपके अनुमान नुसार निचे जाता है तो |

नुकसान (Loss)  कितना  होगा  – अगर आपने जो स्ट्राइक प्राइस चुनी है , एक्सपायरी के समय अगर मार्किट या स्टॉक उस प्राइस से ऊपर जाता है|  तो आपका नुकसान होगा | इसलिए स्टॉपलॉस बहुत जरुरी है | 

Bear Put  Spread   बेयर पुट स्प्रेड

प्रोफेशनल ट्रेडर मुनाफे की तुलना में रिस्क मैनेज करने को अधिक महत्व देते हैं, अगर बाजार उम्मीद के मुताबिक सही नीचे की तरफ जाता है, तो एक मामूली लाभ होता है, लेकिन दूसरी तरफ अगर बाजार ऊपर जाता है, तो ट्रेडर को नुकसान भी सीमित होता है |

बेअर स्प्रेड  कब बनाते है ?

  • जब आपको मार्किट या स्टॉक का एनालिसिस करके यह लगता है की मार्केट हलकी मन्दी की तरफ झुक रहा है तब यह ऑप्शन स्ट्रेटेजी का उपयोग कर सकते है |
  • हलकी मन्दी का लाभ उठाके नुकसान को कम करते हुए लाभ को अधिकतम करना चाहता है तब आप Bear Put Option Spread ऑप्शन स्ट्रेटेजी का उपयोग कर सकते है |

बेअर स्प्रेड  कैसे बनाते है ?

बेयर पुट स्प्रेड दो अलग अलग पुट ऑप्शन को लेकर बनाया जा सकता है , लेकिन दोनो पुट ऑप्शन एक ही एक्सपायरी के होने जरुरी है |

  • Buying an In the money Put option – इन द मनी पुट ऑप्शन को ख़रीदे
  • Selling an Out of the Money Put option -आउट ऑफ़ मनी पुट ऑप्शन को बेचे

आज अगर निफ्टी 17485 पर है मतलब 17600 का पुट इन द मनी हुवा और 17400 का पुट आउट ऑफ़ मनी हुवा
बेयर पुट बनाने के लिए आपको 17600 का पुट खरदीना होगा और 17400 के पुट को बेचना होगा
17600 पुट का प्रीमियम 150 है | premium paid
17400 पुट का प्रीमियम 60 है | premium received

नेट पेड = 150 – 60 = 90

इस स्ट्रेटेजी में लिमिटेड लॉस और लिमिटेड प्रॉफिट है |

 

इसमें ज्यादा से ज्यादा लॉस कितना हो सकता है |

  • अगर मार्केट 17800 को एक्सपायर होता है तो आपका ज्यादा से ज्यादा 90 rs का नुकसान होगा

इसमें ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट कितना हो सकता है |

आपके अनुमान अनुसार मार्किट 17300 तक पहुँचता है

17600 PE का प्रीमियम 270 rs. हो जायेगा |
17400 PE का प्रीमियम 150 rs. हो जायेगा |

आपको 270 – 150 = 120 rs. का मुनाफा होगा

 

नो लॉस नो प्रॉफिट कंडीशन इन बेयर पुट स्प्रेड -no loss no profit situation

जैसे की हमे यह बेयर पुट स्प्रेड 200 पॉइंट के मूवमेंट के लिए बनाया था , लेकिन अगर मार्केट 17508 पे बंद होता है ,
तो जो हमने प्रीमियम लिया है 60 rs वह हमे मिल जायेगा और जो हमने प्रीमियम दिया है 150 वह कम होकर 90 हो जायेगा
इसका मतलब हमे ना प्रॉफिट होगा न लॉस होगा

 

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