OPTION
क्या प्रॉफिटेबल है
ऑप्शन बाइंग और ऑप्शन सेलिंग दोनों के अपने अपने फायदे और नुकसान भी है आप उसे समज लेते है तो आप पैसा बना सकते है |
OPTION BUYING ट्रेडिंग करने के लिए कम पैसे लगते है |
OPTION SELLING ट्रेडिंग करने के लिए ऑप्शन बाइंग से 25 गुना ज्यादा पैसो की जरुरत होती है
ऑप्शन बाइंग में आपने ख़रीदा हुवा कॉन्ट्रैक्ट 0 हो सकता है यानी रिस्क लिमिटेड है
ऑप्शन सेलिंग में आपने बेचा हुवा कॉन्ट्रैक्ट कितना भी बढ़ सकता है , यानी रिस्क अनलिमिटेड है
ऑप्शन बाइंग में आपने ख़रीदा हुवा कॉन्ट्रैक्ट कितना भी बढ़ सकता है, यानी प्रॉफिट अनलिमिटेड है
ऑप्शन सेलिंग में आपने बेचा हुवा कॉन्ट्रैक्ट 0 हो सकता है यानी प्रॉफिट लिमिटेड है
अगर अपने कॉल ऑप्शन BUY किया है तो प्रॉफिट कमाने के लिए मार्किट Up Trend में होना बहुत जरुरी है |
अगर अपने कॉल ऑप्शन SELL किया है तो प्रॉफिट कमाने के लिए मार्किट Down Trend में या फिर side ways होना चाहिए
ऑप्शन बाइंग में कम ट्रेड मिलते है , इसलिए स्टॉपलॉस से तीनगुना ज्यादा प्रॉफिट लेना जरुरी है
ऑप्शन सेलिंग के ट्रेड ऑप्शन बाइंग की तुलना में ज्यादा मिलते है इसलिए स्टॉपलॉस जितना या दो गुना प्रॉफिट भी ले सकते है
ऑप्शन बाइंग में ऑप्शन बायर एडवांस स्वरुप प्रीमियम देता है ,ऑप्शन सेलर को
ऑप्शन सेलिंग में ऑप्शन सेलर एडवांस में प्रीमियम लेता है ,ऑप्शन बायर के पास से
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ऑप्शन सेलिंग में टाइम वैल्यू की वजह से ऑप्शन सेलर को प्रॉफिट होता है
ऑप्शन बाइंग में टाइम वैल्यू की वजह से प्रीमियम कम होता है इसकी वजह से कई बार ऑप्शन बायर को नुकसान होता है
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