Deference between Stock and F&O Trading |
इक्विटी और डेरिवेटिव मार्केट में क्या अंतर है
मार्केट के दो बड़े सेगमेंट Equity यानि कॅश मार्केट और Derivative मार्केट है |
- Equity या कॅश मार्किट में आप कंपनी के स्टॉक या शेयर खरीद सकते है और लम्बे अवधि तक उसे रख सकते है और उससे आप पैसा बना सकते है |
- डेरीवेटिव मार्केट में आप स्टॉक या इंडेक्स के डेरीवेटिव प्रोडक्ट्स को खरीद सकते है,और उससे आप पैसा बना सकते है |
- लेकिन आप उसे लम्बे अवधि तक रख नहीं सकते है , क्यू की डेरीवेटिव मार्केट में Expiry Date पहले से तय होती है |
- इसलिए डेरीवेटिव मार्केट में आप इन्वेस्ट नहीं कर सकते लेकिन ट्रेडिंग कर सकते है और Equity यानि कॅश मार्केट से भी ज्यादा पैसा बना सकते है |
अगर आप स्टॉक खरीद कर भी पैसे बना सकते है लेकिन ज्यादातर लोग डेरीवेटिव मार्केट में ही ट्रेडिंग करते है , या डेरीवेटिव मार्केट में ट्रेडिंग करके आप कॅश मार्केट से भी कई गुना ज्यादा पैसे कैसे कमा सकते है यह हम एक उदहारण से समझते है |
उदाहरण के लिए हम TATA Motors का स्टॉक देखते है |
Tata Motors Chart Analysis For Breakout Trading
- चार्ट पर आप देख सकते है , की टाटा मोटर्स में बढ़िया ब्रेकआउट हुवा था , ऐसे समय आप टाटा मोटर्स का स्टॉक खरीद सकते है या फिर आप टाटा मोटर्स का फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट खरीद सकते है या फिर आप टाटा मोटर्स का कॉल ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट खरीद सकते है |
- अगर स्टॉक मार्केट में आपको एनालिसिस आता है , तो आप कॅश मार्केट या डेरीवेटिव मार्केट दोनों से पैसे कमा सकते है , लेकिन आप कम पैसे लगाके ज्यादा पैसा आप डेरीवेटिव मार्केट यानी फ्यूचर या ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट खरीद कर कर सकते है |
- डेरीवेटिव मार्केट में आप कम प्रीमियम देके पूरा लॉट ले सकते है |
- कॅश मार्केट यानि आप स्टॉक खरीदते है तो आपको पूरा पैसा देना पड़ता है |
ब्रेकआउट के समय टाटा मोटर्स के फ्यूचर,ऑप्शन,और स्टॉक की कीमते
TATA Motors की कॅश मार्केट में कीमत 375 Rs. है
- उसी समय डेरीवेटिव मार्किट में TATA Motors के चालू महीने के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट का कीमत 385 Rs. है
- उसी समय डेरीवेटिव मार्किट में TATA Motors के चालू महीने के ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट का कीमत 14 Rs. है
- इक्विटी मार्केट में आप एक शेयर खरीद सकते है लेकिन डेरीवेटिव मार्किट में आपको कम से कम एक लॉट लेना पड़ता है |
- डेरीवेटिव मार्किट में TATA Motors का एक लॉट 1425 क्वांटिटी का होता है |
Why profit is More in Derivative Market then Equity Market ?
फ्यूचर & ऑप्शन में इक्विटी से ज्यादा प्रॉफिट क्यू होता है ?
चार्ट पर ब्रेकआउट होने के बाद टाटा मोटर्स का स्टॉक का पहला टारगेट 77 पॉइंट्स का दिख रहा है
- अगर आप उस समय टाटा मोटर्स के स्टॉक खरीदते तो , तो आपको 1425 qty . के लिए 545775 /- पांच लाख पैतालीस हजार के आस पास इन्वेस्ट करना पड़ता
- अगर आप उस समय टाटा मोटर्स के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को खरीदते तो आपको 1425 qty . के लिए 158275 /- एक लाख अट्ठावन हजार के आस पास इन्वेस्ट करना पड़ता
- अगर आप उस समय टाटा मोटर्स टाटा मोटर्स का कॉल ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट खरीद लेते , तो आपको 1425 qty . के लिए 19950/-
मात्र उन्नीस हजार के आस पास इन्वेस्ट करना पड़ता
ट्रेडिंग सेटअप अनुसार आप प्रॉफिट बुक करते है तो आपको किस सेगमेंट में कितना प्रॉफिट होता यह देखते है
- अगर आप टाटा मोटर्स के स्टॉक खरीदते तो आपको 77 पॉइंट्स पर एक लाख नौ हजार के आस पास प्रॉफिट होतो , यानी आपने जो टाटा मोटर्स के स्टॉक खरीदकर 545775 /- इन्वेस्ट किये यानि आपकी इन्वेस्टमेंट पर आपको 20 % का प्रॉफिट हुवा
- अगर आप टाटा मोटर्स के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट खरीदते तो आपको 77 पॉइंट्स पर एक लाख नौ हजार के आस पास प्रॉफिट होतो ,यानी आपने जो टाटा मोटर्स के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट खरीदकर 158275 /- इन्वेस्ट किये यानि आपकी इन्वेस्टमेंट पर आपको 69 % का प्रॉफिट हुवा
- अगर आप टाटा मोटर्स के ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट खरीदते तो आपको 77 पॉइंट्स पर पैसठ हजार का प्रॉफिट होतो ,यानी आपने जो टाटा मोटर्स के ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट खरीदकर 19000 /- इन्वेस्ट किये यानि आपकी इन्वेस्टमेंट पर आपको 325 % का प्रॉफिट हुवा
निश्कर्ष – Conclusion
- स्टॉक में इन्वेस्ट या ट्रेडिंग कर आपको आपके इन्वेस्मेंट पर 20 % का प्रॉफिट हुवा
- फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में इन्वेस्ट कर आपको आपके इन्वेस्मेंट पर 69 % का प्रॉफिट हुवा
- ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में इन्वेस्ट कर आपको आपके इन्वेस्मेंट पर 325 % का प्रॉफिट हुवा
फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग ,ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग ,स्टॉक ट्रेडिंग या इन्वेस्टिंग में रिस्क किसमे ज्यादा है
- फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट या ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में ट्रेडिंग करते समय आपको यह ध्यान रखना पड़ता है की कॉन्ट्रैक्ट को मंथली एक्सपायरी होती है , यानी आपका जो भी एनालिसिस है उसमे सटीकता ज्यादा होनी चाहिए , क्यू की एक्सपायरी तक ही आप अपना ट्रेड जारी रख सकते है |
- फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट या ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में आपको स्ट्राइक प्राइस सेलेक्ट करनी पड़ती है , अगर आपने सेलेक्ट की हुई के ऊपर स्टॉक की प्राइस जाती है तो आपको बढ़िया प्रॉफिट होता है , लेकिन अगर आप ट्रेड एक्सपायरी तक जारी रखते है ,और स्टॉक की प्राइस स्ट्राइक प्राइस के ऊपर बंद नहीं होती है तो आपने ली हुई स्ट्राइक प्राइस zero हो सकती है |
- फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट या ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट कम पैसे में मिलने की वजह से , अगर आप ज्यादा लॉट लेते है और ट्रेड ,आपके स्टडी के अनुसार नहीं जाता है तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है |
- फ्यूचर & ऑप्शन ट्रेडिंग में लालच की वजह से लोगो को नुक्सान होते है , और ज्यादा वोलेटाइल होने की वजह से पूरा टारगेट भी नहीं ले पाते है |
- फ्यूचर & ऑप्शन हाई लीवरेज प्रोडक्ट है , इसलिए इसे बड़ी हि सावधानी से इस्तमाल करना पड़ता है |
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